Well, the website vetextension.com is primarily meant for providing information related to livestock sector. But, keeping the current COVID-19 pandemic in mind, the current post is meant for spreading a word regarding enhancement of immunity or natural defense system among the users of this website. As we all know that "Prevention is better than cure" and there is no such medicine for curing COVID-19 or coronavirus, therefore, it becomes pertinent to build up immunity against the virus … Continue Reading →
Livestock Production Statistics of India – 2018
Click to Read, Livestock Production Statistics of India – 2019 (Updated till 09/2019) Beneficial for competitive exams conducted by ICAR and other organizations India has emerged as the largest producer of milk with 20.17 percent share in total milk production in the world. India accounts for about 5.65 percent of the global egg production and also the largest population of milch animals in the world, with 110 million buffaloes, 133 million goats and 63 million sheep. India’s … Continue Reading →
क्या है गल-घोंटू रोग और कैसे करें इसकी रोकथाम
कारक हेमोरेजिक सेप्टिसिमीया (एच.एस. या गल-घोंटू) एक संक्रामक जीवाणु रोग है जो पाश्चरेल्ला मल्टोसिडा के दो सीरोटाइपों बी 2 और ई 2 के कारण होता है। बी 2 एशिया में पाया जाता है तथा ई 2 अफ्रीका में संक्रमण फैलाता है। यह संक्रमित जानवरों में उच्च मृत्यु दर के साथ मवेशियों को प्रभावित करता है। इसे भारत में पशुओं की गंभीर बिमारियों में से एक माना जाता है। शारीरिक और रासायनिक कार्रवाई का प्रतिरोध तापमान: पाश्चरेल्ला मल्टोसिडा हल्की गर्मी (55 डिग्री सेल्सियस) के लिए अतिसंवेदनशील है। कीटाणुनाशक: … Continue Reading →
बरसात के मौसम में लाभकारी पशुपालन की युक्तियाँ
किसानों के लिए, बरसात का मौसम आनंदमयी होता है और वह बारिश के आगमन पर फिर से जीवंत हो उठते हैं। मॉनसून समस्त वनस्पतियों और मिट्टी में जीवन लाता है। लेकिन बरसात के मौसम के सभी संभावित फायदों के बीच, कुछ सावधानियां हैं जिनका विशेष रूप से पशुपालकों द्वारा ख्याल रखा जाना चाहिए। लंबे गीले मौसम में, जानवर कई चुनौतियों के प्रति संवेदनशील होते हैं और यदि कोई किसान सावधानी नहीं बरतता तो जानवर बीमारियों से मारे जा सकते हैं। इसलिए, पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन को अनुकूलित करने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ … Continue Reading →
डेयरी पशुओं में गर्मी के तनाव को कम करने के सरल उपाए
गर्मी के मौसम में डेयरी पशुओं में होने वाले गर्मी तनाव के कारण भारतीय डेयरी पशुओं में उत्पादन एवं प्रजनन में कमी आती है। कुछ गर्मी तनाव अपरिहार्य हैं लेकिन निश्चित प्रथाओं का पालन करके तनाव के प्रभाव को कम किया जा सकता है। गर्मी तनाव के लिए पारे में तीन अंकों की वुद्धि की जरुरत नही हैं क्योंकि यह तनाव तब भी देखा जा सकता है जब दिन का औसत तापमान 21 डिग्री सेलसियस से अधिक बढ़ जाए। डेयरी पशुओं के लिए आदर्श तापमान 15 डिग्री से 10 डिग्री है। जब तापमान 27 डिग्री से अधिक हो जाता है तब शुष्क पदार्थ का … Continue Reading →