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पशुओं की आंत में पाये जाने वाले परजीवी एवं उनका उपचार

07/05/2018 by Dr. Amandeep Singh 9 Comments

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आंत में पाए जाने परजीवी अथवा अन्तः परजीवी पशुओं के शरीर के अन्दर पाये जाते हैं एवं परजीवी कृमि भौतिक संरचना के आधार पर दो प्रकार के होते हैं प्रथम चपटे व पत्ती के आकार के जिन्हें हम पर्ण कृमि एवं फीता कृमि कहते हैं दूसरे गोल कृमि जो आकार में लम्बे गोल बेलनाकार होते हैं।

पर्ण कृमि

  • यह परजीवी पत्ती के आकार की संरचना लिए होने के कारण पर्ण कृमि कहलाते हैं।
  • इस वर्ग मे फैशियोला, एम्फीस्टोम एवं सिस्टोसोम पशुओं को हानि पहुँचाने वाली मुख्य प्रजातियां हैं।
  • यह पशुओं के उप्तपादन को कम करने के अतिरिक्त एनीमिया, ऊतक क्षति जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न करते हैं।

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पर्ण कृमियो का उपचार

औषधि का नाम कैसे दें मात्रा
ट्राईक्लाबैंडाज़ोल मुंह से गाय तथा भैंस: 12 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 10 मि.ग्रा/किलो भार

घोड़ा: 10-12 मि.ग्रा/किलो भार

आक्सीक्लोजानाइड मुंह से गाय तथा भैंस: 10-15 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 15 मि.ग्रा/किलो भार

अल्बैनडाज़ोल (गाभिन पशुओं में ना दें) मुंह से गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर: 15-20 15 मि.ग्रा/किलो भार (केवल एक बार)

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फीताकृमि

  • इस परजीवी का शरीर चपटा होता है।
  • इनका आकार कुछ मिलीमीटर से लेकर अनेक मीटर तक लम्बा हो सकता है इनक चपटे शरीर एवं लम्बे आकार के कारण इन्हें फीता कृमि भी कहा जाता है।
  • यह परजीवी अधिकांशतः पशुओं के भोजन नाल में पायें जाते हैं एवं पशुओं के पोषण तत्वों का उपयोग कर पशुओं को हानि पहुँचाते हैं।
  • इनके लार्वा पशुओं के विभिन्न अंगों में सिस्ट आदि बनाते हैं एवं हानि पहुँचाते हैं जैसे हाईडेटिड सिस्ट, सिस्टीसरकोसिस आदि।

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फीता कृमियो का उपचार

औषधि का नाम कैसे दें मात्रा
प्रजीक्वानटल मुंह से गाय तथा भैंस: 5-10 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 5-10 मि.ग्रा/किलो भार

सूअर: 50 मि.ग्रा/किलो भार 5 दिन लगातार

घोड़ा: 1-2.5 मि.ग्रा/किलो भार

पोल्ट्री: 10 मि.ग्रा/किलो भार

पालतू कुत्तों तथा बिल्लियों में 5-7.5 मि.ग्रा/किलो भार

क्लोसैंटल मुंह से गाय तथा भैंस: 7.5-10 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 7.5-10 मि.ग्रा/किलो भार

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गोलकृमि

  • इन परजीवी का शरीर बेलनाकार होने के कारण इन्हें गोल कृमि कहते हैं।
  • यह परजीवी पशुओं में विभिन्न रोग जैसे रूधिर चूसने के कारण अनीमिया, भोजन इस्तेमाल न करने के कारण कमजोरी, फेफड़ों में होने के कारण निमोनिया, आंखों में होने के कारण अन्धापन, गांठ बनना अंगों व ऊतकों को नष्ट करना आदि अवस्था उत्पन्न कर सकते हैं।

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गोल कृमियो का उपचार

औषधि का नाम कैसे दें मात्रा
अल्बैनडाज़ोल (गाभिन पशुओं में ना दें) मुंह से गाय तथा भैंस: 10 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 7.5 मि.ग्रा/किलो भार

सूअर: 5-10 मि.ग्रा/किलो भार

घोड़ा: 5-10 मि.ग्रा/किलो भार दो दिन लगातार

पालतू कुत्ते: 25-50 मि.ग्रा/किलो भार

बिल्ली: 50 मि.ग्रा/किलो भार

क्लोसैंटल मुंह से गाय तथा भैंस: 5-7.5 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 5-7.5 मि.ग्रा/किलो भार

सूअर: 5-7.5 मि.ग्रा/किलो भार

घोड़ा: 5-7.5 मि.ग्रा/किलो भार दो दिन लगातार

पालतू कुत्ते: 50 मि.ग्रा/किलो भार

बिल्ली: 30 मि.ग्रा/किलो भार

लेवामिसोल मुंह से, टीकाकरण चमड़ी के नीचे गाय तथा भैंस: 7.5 मि.ग्रा/किलो भार

बकरी तथा भेड़: 7.5 मि.ग्रा/किलो भार

सूअर: 8 मि.ग्रा/किलो भार

पालतू कुत्ते: 5-8 मि.ग्रा/किलो भार

बिल्ली: 4.4 मि.ग्रा/किलो भार

पिपेराज़ीन मुंह से बछड़ा: 200-300 मि.ग्रा/किलो भार

गाय तथा भैंस: 100 मि.ग्रा/किलो भार

घोड़ा: 200-300 मि.ग्रा/किलो भार

सूअर: 200-300 मि.ग्रा/किलो भार

पोल्ट्री: 300-400 मि.ग्रा/किलो भार

पालतू कुत्ते: 100-200 मि.ग्रा/किलो भार

बिल्ली: 100-200 मि.ग्रा/किलो भार

आयवरमेक्टिन मुंह से, टीकाकरण चमड़ी के नीचे गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, घोड़ा, कुत्ते: 0.2 मि.ग्रा/किलो भार

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सुझाव

  • हर 3 महीने के अंतराल पर पशुओं को पेट के कीड़ों की दवाई दें।
  • पशुओं का टीकाकरण करवाने से पहले पशुओं को आंत के कीड़ों की दवाई ज़रूर दे ।
  • पशुओं के गोबर की जांच कराने के बाद ही पेट के कीड़ों की दवाई दें । गोबर की जांच आप अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से करवा सकते हैं। माचिस की डिब्बी में या छोटी डिब्बिया में ताज़ा गोबर जाँच के लिए लेकर जाएँ ।
  • आंत के परजीवियों का उपचार समय से उचित मात्रा में प्रभावी औषिधियों का प्रयोग तथा  विशेषज्ञ की देखरेख मे किया जाना चाहिए।

 

 

 

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Filed Under: Resources For Farmers, Resources For Veterinarians, Resources in Hindi

Comments

  1. lokesh vishnoi says

    07/05/2018 at 12:17 PM

    sir mene mery bhesh ko 10 March ko dwait dy thi ab kb de 10 may ko de sakte h kya ……phle hmne boomtak tablet dy thi ab kon sy de bhesh pregnentt h 5 manth ki

    Reply
    • Dr. Amandeep Singh says

      07/05/2018 at 12:24 PM

      aap 10 june ko dawayi dena Fentas 1.5g bolus

      Reply
  2. Rishav kumar says

    07/04/2021 at 7:15 AM

    सर हमारी गाय तीन दिन से कुछ न खा रही न जुगाली कर रही है और न गोबर कर रही है।पानी कभी कभी पी ले रही है थोड़ा ।तीन दिनों में दो_तीन बार थोड़ा थोड़ा मल (उजला) की है।सर उपचार बताए कृपया।

    Reply
    • Dr. Amandeep Singh says

      08/04/2021 at 10:33 PM

      Aap nazdeeki pashu chikitsak se sampark karein.

      Reply
    • Vicky kumar says

      14/04/2021 at 11:15 AM

      मेरा भी ऐही दिकत है को ईसका ईलाज है तो बातई कृपा कार के
      Moblie no 7079525516
      जालद से जलाद कोई call kijiye

      Reply
      • Vicky kumar says

        14/04/2021 at 11:16 AM

        सर हमारी गाय तीन दिन से कुछ न खा रही न जुगाली कर रही है और न गोबर कर रही है।पानी कभी कभी पी ले रही है थोड़ा ।तीन दिनों में दो_तीन बार थोड़ा थोड़ा मल (उजला) की है।सर उपचार बताए कृपया।
        मेरा भी ऐही दिकत है को ईसका ईलाज है तो बातई कृपा कार के
        Moblie no 7079525516
        जालद से जलाद कोई call kijiye

        Reply
    • Vicky kumar says

      14/04/2021 at 11:21 AM

      Rishava kumar

      आपकी गाय आब कैसी है कृपा कारके बातये

      Reply
  3. संदीप यादव says

    18/12/2021 at 9:10 PM

    Sir , मेरी गाय 3 दिन से गोबर नही कर रही है , आज 3 दिन बाद खा रही है जुगाली दिन में एकाध बार कर ले रही है

    Reply
    • Dr. Amandeep Singh says

      31/12/2021 at 12:21 AM

      Veterinary doctor se paramarsh lein. Ho sakta hai aant me ghumaav aagya ho.

      Reply

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